Ek Aahat - Raat Ke Andhere Ki ( Part - 1 )


                          Ek Aahat - Raat Ke Andhere Ki ( Part - 1 )                                                                      एक आहट – रात के अँधेरे की ( भाग 1 )



लेखक – आरिफ खान
ईमेल – 9166672008arif@gmail.com


मेरी उम्र 30 साल है . ये बात उन दिनों की है जब मैं 9th क्लास में पढ़ा करता था . उम्र मेरी रही होगी कोई 15-16 साल उस टाइम .

Family में मम्मी पापा मैं और मेरी छोटी बहन थी जो मुझसे दो साल छोटी है .
पापा की Government Job है . तो उस टाइम हम सरकारी स्टाफ Quarters में ही रहा करते थे . पापा का प्रमोशन हुआ तो पापा को बड़ा फ्लैट Allot हो गया उसी कॉलोनी में . हम नए फ्लैट में चले गए . मैं बहुत खुश था . ये सोच के की अब अपना एक अलग रूम ले लूंगा .


न जाने क्यों जिस दिन से ही हम उस घर में गए थे मुझे उस घर एक अजीब सी मायूसी सी महसूस होती थी . घर में चहल पहल भी रहती थी पूरा दिन . लेकिन फिर भी न जाने क्यों एक अलग सी मनहूसियत और सन्नाटा था उस घर में . मेरी आदत थी रात में लेट सोने की . हमारा केबल वाला रात में नयी फिल्में लगता था तो मैं वो ही देखता रहता था अपने कमरे में . पापा मम्मी और बहन दूसरे कमरे में जल्दी ही सो जाते थे . शुरू के कुछ दिन तो सब कुछ ठीक था . फिर एक रात .


मैं अपने कमरे में बेड पर लेट के मूवी देख रहा था . की अचानक मुझे अपने कमरे के बाहर कोई आवाज़ सुनाई दी . मुझे लगा शायद मम्मी उठी होंगी टॉयलेट जाने के लिए . मैंने ध्यान नहीं दिया . हाँ टीवी की थोड़ी आवाज़ जरूर कम कर दी .

लेकिन फिर 4-5 मिनट बाद फिर से कोई आवाज़ आई . आवाज़ ऐसी थी जैसे किसी औरत के चलने पर पायल की आवाज़ आती है छन छन छन…. बिलकुल ऐसी आवाज़ .

मैंने टीवी की आवाज़ बिलकुल बंद कर दी . बाहर से आवाज़ आ रही थी छनछनछनमेरे पुरे शरीर में जैसे करंट सा लग गया हो . रोंग रोंग खड़ा हो गया था 


ऐसा नहीं था आवाज़ लगातार आ रही थी . 4-5 सेकंड के लिए आती फिर बंद हो जाती . फिर 3-4 मिनट के बाद फिरसे छन.. छनछन

जैसे कोई औरत भारी पायल पहन कर चल रही हो. मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा . ऐसा लगा की अभी दिल छाती से निकल के मेरे मुँह आ जाएगा 

. समझ में नहीं आ रहा था क्या करू . फिर ख्याल आया की साथ वाले कमरे में मम्मी पापा सो रहे हैं उनको जगाता हूँ. हिम्मत करके दरवाजा खोला . दरवाजा खोल के जैसे ही बाहर निकला अचानक फिर से .. छनछनछन

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