Ek Aahat - Raat Ke Andhere Ki ( Part - 2 )
Ek Aahat - Raat Ke Andhere Ki ( Part - 2 )
एक आहट – रात के अंधरे की ( भाग – 2 )
लेखक – आरिफ खान
ईमेल – 9166672008arif@gmail,com
इस बार आवाज़ बिलकुल मेरे सामने से आ रही थी . मानो कोई नयी नवेली दुल्हन चल रही हो .
लेकिन सिर्फ आवाज़ आ रही थी .दिख कुछ नहीं रहा था . सिर्फ आवाज़ . बिलकुल Clear आवाज़ . छन… छन… छन…
मम्मी पापा को उठाया जल्दी से . पापा इन सब चीजों को बिलकुल नहीं मानते . और वैसे भी उस टाइम सब नींद में थे . किसी ने ध्यान नहीं दिया मेरी बात पे . फिर मैं मम्मी पापा के रूम में ही सो गया . फिर 3-4 दिन निकल गए . कुछ नहीं हुआ . फिर एक रात अचानक फिर से वही आवाज़ . छन छन छन .
आवाज़ हर रोज़ नहीं आती थी . न ही कभी कुछ दिखता था. सिर्फ आवाज़ . धीरे धीरे मुझे भी आदत सी पड गयी . कोई फिक्स टाइम भी नहीं था आवाज़ सुनाई देने का . कभी 10 बजे , कभी 10.30. कभी 11. किसी भी टाइम आती थी .लेकिन एक बात पक्की थी की वो आवाज़ सिर्फ मुझको ही सुनाई देती थी और किसी को नहीं .
आवाज़ सुनके मैं बहुत डर जाता लेकिन उस घर में कभी कुछ बुरा नहीं हुआ हमारा . हमने कुछ नया सामान भी खरीदा. सब Normal ही रहा .
फिर 8-9 महीने बाद पापा को दूसरा फ्लैट मिल गया और हम वहां शिफ्ट हो गए . उस फ्लैट में हमारी जगह जो नए लोग आये वो हमारे जानने वाले ही थे क्युकी एक हे स्टाफ के थे सब . उनका लड़का मेरा अच्छा दोस्त था . और उनकी फॅमिली काफी बड़ी थी . एक दिन वो अंकल हमारे घर आये और हमसे पूछा की क्या आपको कभी उस घर में कोई आवाज़ सुनाई दी क्या ?
बस . ये बात सुनके मुझको यकीन हो गया की वो मेरा वेहम नहीं था . उन अंकल की पूरी फॅमिली ने वो आवाज़ सुनी है . तब जाकर मम्मी पापा को यकीन आया की मैं झूठ नहीं बोलता था . फिर उन लोगो ने अपने घर में पूजा वूजा करवाई. किसी से पूछा की क्या दिक्कत है घर में तो पता चला की उस घर में एक नहीं दो नहीं 6 आत्माएं रहती थी.
आज इस बात को 13-14 साल हो चुके हैं . अब मैं भी काफी बड़ा चुका हूँ.
मुझे नहीं पता की अब भी वहां से वो आवाज़ आती है या नहीं. लेकिन सच बताऊ तो आज भी जब भी उन आवाज़ों के बारे में सोचता हूँ दिल में एक अजीब सा डर आ जाता है.
शुक्र है की अभी हम जिस घर में रह रहे हैं वहां ऐसा कुछ नहीं है.
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